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Tuesday, 18 August 2020

Chances

Take your chances, O' lonely soul,
Lest the passions are abating,
Seek the comforts of present not the past, for
The time rushes while these keep on debating.

Worried of the chances that you will lose?
But equal are that of winning, if not more,
What use is such caution in what to choose?
When you remain stuck, stagnant & quite unsure!

Life is short and keeps on fleeting,
While we keep worrying if it will work or won't,
What is the point of doubting & bleating?
When it's our effort that it'll do or don't!

Wednesday, 18 March 2020

यह प्रेम नहीं


(इस कविता में जो लिखा है उसका अर्थ तो समझिए ही साथ ही साथ उसके उलट जो आज के युग में होता है वह भी सोचिये)
(कविता को लयबद्ध पद्य की शैली में लिखा है, यदि उस लहजे से पढ़ा जाए तो अलग आनंद मिलेगा 🙂)

काल का चक्र जो चलता है,
किसी के लिए नहीं ये रुकता है,
किसी को ऊंचाई पर पहुंचाता है,
किसी को पैरों तले कुचलता है।


दुनिया में गलत बहुत सी रीति हैं,
क्यों समझते नहीं जीने का नाम युद्ध है, न कि प्रीति है,
संघर्ष की अग्नि में ध्यानमग्न जो होता है
सही समझता है - जीने का अर्थ संघर्ष है, अंधा प्रेम एक कुरीति है।
अब ठहरो! क्या इसका अर्थ जानना चाहोगे?
क्या इस कथन की गहराई को नापना तुम चाहोगे?
यदि हां तो सुनो, सोचो और आत्मदर्शन भी करते जाओ।
जो अब तक समझते थे उसको किनारे करते जाओ।


प्रेम एक शाश्वत विषय है,
तपते जीवन में आश्रय है,
मगर प्रेम का नाम जब लेते हो,
जीवन में क्या क्या कहते और करते हो।
इसकी व्याख्या तो अब धुल सी गयी है,
इस युग के अंधड़ से ज्योत तो इसकी बुझ सी गयी है।


वासना में बंधकर जीना प्रेम नहीं,
किसी को मुश्किलों की मझधार में छोड़ना प्रेम नहीं,
क्या सड़कों पर शाम को भूखे बच्चों को तुमने देखा है?
हाथों में हाथ डाल हंसते नज़रअंदाज़ करते उन सड़कों पर टहलना प्रेम नहीं।
नहीं है प्रेम अपनी शामों को व्यर्थ करना मदिरा अंकित जज्बातों पर,
अरे प्रेम तो है दुश्मन को ले कर मर मिटना भारत की इस माटी पर।
और जिसने सिखाये तुमको इस जमाने के अर्थ हैं उसको ठुकरा दो,
उनके पढ़ाये हुए उन खोखले आदर्शों को तुम दफना दो।
प्रेम नहीं बल्कि अपनापन साधारण मनुष्यों की अभिलाषा है,
प्रेम तो केवल कुछ वफादार जीवों की ही भाषा है।
इस आधुनिक युग का "प्रेम" बस एक ढोंग एक तमाशा है,
प्रेम का सत्य तो बस माता-पिता के कर्मों की परिभाषा है।
प्रेम नहीं समृद्धि में अग्रसर हो मूल्यों को भुलाते जाओ,
और प्रेम नहीं माता-पिता के परिश्रम से कमाए धन को लुटाते जाओ।


प्रेम है जो इस धरती के लिए ही बस जीते हैं,
प्रेम है वो जिनके दिन बस दूसरों के लिए ही बीते हैं,
प्रेम है जो समाज के उद्धार के लिए विष का प्याला पीते हैं।
प्रेम तो आपके सरलतम कार्यों में भी दिखता है,
प्रेम नहीं फेसबुक-इंस्टाग्राम की दुकानों पे बिकता है,
संघर्ष कर स्वयं को मजबूत करना प्रेम है एक,
अपने जीवनसाथी के त्यागों को मानना भर भी प्रेम है एक,
परिजनों की डांट को चुपचाप सुनना भी प्रेम है एक,
हर सुबह अपने-अपने कार्यालयों की तरफ निकलते हो
वृद्धों के लिए अपनी गाड़ी को रोकना भी प्रेम है एक,
सड़कों पर निकलते हुए वो वीर जवानों से भरी गाड़ियां देखी हैं?
नज़र उठाकर कुछ पलों के लिए सलाम करना भी प्रेम है एक।


रोज़ाना के जीवन से हताश जब हो जाते हो,
रात को कराह लेकर जब तुम सो जाते हो,
ऐसी दिनचर्या जीने में भी बलिदान है एक,
आपके कर के पैसों से देश चलता है, यह भी प्रेम है एक।


Sunday, 7 January 2018

Passion

The ambrosia of passion,

When it goes down your throat,

It turns all facades,

Into pleasurable hopes.

In that mist of pleasure,

When you twist and shine,

Yet you don’t reveal through

The love you’ve hidden behind.

I look through her,

Titillated to the core

Whether I’ll end up in her arms,

Or at the foot of her door.

On both accounts, I won’t give up still,

To love and spread bliss,

Will be my life and my thrill.

My hopes and my smile,

Might reveal it all

To kiss her hand, or to bend on my knee

If I have that gall?

To kiss her goodbye,

I hope I never do,

To wake up to that sunshine,

In that beautiful dawn I hope,

I’ll always end to.

But I know not what,

She has hidden inside,

A ‘yes’ or a ‘no’

I cannot decide.

I wish to see her smile,

Waking up in that morning glow,

And I hope that cloud of doubt,

Let’s the rays of my wishes through

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